Pachra geet lyrics
वीर रस में पचरा गीत सेवा में बाग लगाएं सेवा में बाग लगाएं , लगाए हो मैया, सेवा में बाग लगाएं हो मां हस के उठे विहस कै माता, जा चंदन पर थार भवानी, नींबू जटा-जटा पर नरियल, आस पास नरियल के बाड़ी, केतकी-केवड़ा सदा ने सरवर, सरवर देखत हंस विराजें, हंस म लाई के पहुना साजे, पहुना ऊपर दाई विराजे, दाई के संग म भैरव साजे, भैरव संग लंगूर विराजें, अन्नस मंजस कुंज निवारे, धर्म ध्वजा लहराएं - लहराएं हो मैया, सेवा में बाग लगाए हो माँ, सेवा में बाग लगाए-लगाए हो मैया, सेवा में बाग लगाए हो माँ, ए भवानी सेवा में बाग लगाए हो माँ, ओ मोरी मैया सेवा में बाग लगाए हो माँ । जब इंद्रलोक ले उतरे लंगरवा, नैना घोड़ा भए सवरिया, माथ चंदन और पांव खड़उआ, गंगा-जमुना खड़ा पखारे, सवां हाथ धरती पर फाड़े, उठें गुललवा हाथ कमनियां, रह ही ठाड़े कुंज निवाई, सारी बदन पर भए महामाई, पान खात मुख लाल भवानी, ज...