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Pachra geet lyrics
वीर रस में
पचरा गीत
सेवा में बाग लगाएं
सेवा में बाग लगाएं , लगाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाएं हो मां
हस के उठे विहस कै माता,
जा चंदन पर थार भवानी,
नींबू जटा-जटा पर नरियल,
आस पास नरियल के बाड़ी,
केतकी-केवड़ा सदा ने सरवर,
सरवर देखत हंस विराजें,
हंस म लाई के पहुना साजे,
पहुना ऊपर दाई विराजे,
दाई के संग म भैरव साजे,
भैरव संग लंगूर विराजें,
अन्नस मंजस कुंज निवारे,
धर्म ध्वजा लहराएं - लहराएं हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
सेवा में बाग लगाए-लगाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ए भवानी सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ओ मोरी मैया सेवा में बाग लगाए हो माँ ।
जब इंद्रलोक ले उतरे लंगरवा,
नैना घोड़ा भए सवरिया,
माथ चंदन और पांव खड़उआ,
गंगा-जमुना खड़ा पखारे,
सवां हाथ धरती पर फाड़े,
उठें गुललवा हाथ कमनियां,
रह ही ठाड़े कुंज निवाई,
सारी बदन पर भए महामाई,
पान खात मुख लाल भवानी,
जिबियां हां तोरी ललियाए-ललियाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
सेवा में बाग लगाए-लगाए हो माँ,
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ए भवानी सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ओ मोरी मैया सेवा में बाग लगाए हो माँ,
जब कोख नगर ले उतरे भवानी,
सोने सिंहासन भॅंवर पालकी,
छत्तीसगढ़ ले जाके आये,
अल्लख देवता सेवा गाये,
ताल बाजे वा माहुर बाजे,
झाॅंझ बाजें मंजीरा बाजे,
दानव मारे असुर संहारे,
जहाँ भुयाॅं पर तौते ठहरे,
जहाँ पर गायें अष्ट सेकड़ा,
जहाँ निरंजन तौते ठहरे,
जहाँ निरंजन तौते ठहरे,
चार कूट में छत्र तने हैं,
शाशन आपन चलाए - चलाए हो मैया
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
सेवा में बाग लगाए-लगाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ए भवानी सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ओ मोरी मैया सेवा में बाग लगाए हो माँ,
जब लोहपुर लेते उतरे लोअंजर ,
अंग भर सिंदुर नयन में काजर,
कौनत पन्डव मात सुनावे,
हाथ में शंकर वेद बतावे,
नव-दस फलकी लिए सजाए,
बाहे कुल तोर उठे भवानी,
खड़ग क्षार खप्पर ले डारे,
कोटि-कोटि मुक्तन उठ जाए,
जभे पुजारी पुंजा पावे,
घोरि-घोरि चंदन महल लगावे,
सर्प सोन के कलश मढ़ाये,
दाई तोला उमा बताए,
भैरव तोरि पालकी सजाए,
लंगुरे ह दियाना जलाए-जलाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो मैया माँ,
सेवा में बाग लगाए-लगाए हो मैया
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ए भवानी सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ओ मोरी मैया सेवा में बाग लगाए हो माँ,
जब गरहि कुलजले उतरे लंगरवा,
डम-डम-डम-डम बजे डमरवा,
दरिया घोड़ा भए सवरिया
पानथ पायल हाथ खड़कवा,
गंगा जीलम खड़ा पखारे,
लयहर तोरम जीतक हाये,
बांस चिन्हाॅंचिन तय चिन्हाये,
चार कूट में तुमही गड़ाये,
ब्रम्हा आये यज्ञ कराए,
ऋषि मुनीहा यज्ञ कराए,
विष्णु आये शंख बजाएं,
सादा शिव तोर धुनि रमाये,
छामा धर तोर दिया जलायें,
मातानु जाए तनु जाए नुजाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
सेवा में बाग लगाए-लगाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ए भवानी सेवा में बाग लगाए हो माँ,
ओ मोरी मैया सेवा में बाग लगाए हो माँ,
सेवा में बाग लगाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो माँ।
Very nice
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